जिंदगी को अब ऐसे ही चलते जाना है
कुछ पाना है तो कुछ खोना है
राहें बहुत है सामने मगर
सही किसने पहचाना है
बस धोखे फरेब छोड़कर
इंसानियत को ही अपनाना है
कांटे और फूल सा ये संसार है
कांटे को भी अब फूल बनाना है
बेगाना और अपना में क्या फर्क.?
अपनों ने अपनों को अपना जाना है...!!!
कुछ पाना है तो कुछ खोना है
राहें बहुत है सामने मगर
सही किसने पहचाना है
बस धोखे फरेब छोड़कर
इंसानियत को ही अपनाना है
कांटे और फूल सा ये संसार है
कांटे को भी अब फूल बनाना है
बेगाना और अपना में क्या फर्क.?
अपनों ने अपनों को अपना जाना है...!!!