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बुधवार, 2 नवंबर 2011

"संतान"

माँ बाप के आँखों का ओ तारा 
घर में सबका राज दुलारा 
अपने घर का चाँद सितारा 
बेटा ओ घर का उजियारा 
रोशन करे जो अपना घर बार 
खेल कूद कर मचाये बयारे 
घर बन जाये जो स्वर्ग का धाम 
ऐसा ही तुम करना काम
बेटा हो चाहे बेटी हो घर को खुशियाँ देती हो 
समझो सबको अपना संवारो सबका सपना

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